भाषण

विज्ञा� और गणित की शिक्षा : भावी मार्�

भारत स्थि� ब्रिटि� उच्चायुक्त सर जेम्� बेवन केसीएमजी ने 9 जनवरी 2013 को नई दिल्ली की ब्रिटि� काउंसि� मे� एक भाषण दिया� यहां पे� है उनके मू� भाषण का पूरा पाठ।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तह� प्रकाशित किया गय� था
Sir James David Bevan KCMG

रॉ�. ओयोगी (यूनेस्को), डा. सिनक्लेय� (एनसीईआरटी) और विशिष्� साथियो�, आपको धन्यवाद।

मुझे आज सुबह इस महत्वपूर्ण आयोज� के उद्घाट� के सिलसिल� मे� आपसे मि� कर खुशी हु� है�

टोनी ब्लेयर जब प्रधानमंत्री बन� थे तो उनसे सवाल पूछा गय� था कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं। ब्लेयर ने अपनी ती� प्राथमिकताएं बतलाईं : शिक्षा, शिक्षा और शिक्षा� और, वे सही थे� हमार� दोनो� देशो� एव� नागरिकों के भविष्य की दृष्टि से सभी व्यक्तियों के लि� गुणवत्तापर� शिक्षा की तुलन� मे� अन्य को� बा� अधिक महत्वपूर्ण नही� हो सकती� कई सा� पहले ब्रिटे� मे� शिक्षक जब शिक्षा मे� अधिक निवे� की पैरवी का अभियान चल� रह� थे तो उनका एक असरदार नारा था- ‘‘यदि आप सोचत� है� कि शिक्षा महंगी है तो फि� ठी� है अनपढ� बन� रहें।’�

इसलि�, शिक्षा का बहुत महत्� है� यह हमार� समाज और हमारी अर्थव्यवस्था के लि� महत्वपूर्ण है� और, यह हम सभी के व्यक्तिग� स्तर पर महत्वपूर्ण है� यह ती� बच्चों के पिता होने के नाते मेरे लि� महत्वपूर्ण है� इस महान दे� के भ्रम� का मेरा अपना अनुभ� रह� है कि भारतवासी अपने बच्चों को हरसंभव तरीके से बेहतरी� शिक्षा दिलवान� के लि� भारी कुर्बानी करते हैं। और, मै� जानत� हू� कि दुनिया भर के अभिभावको� की भी यही इच्छ� रहती है�

और, विज्ञा� का बहुत महत्� है� सिर्� इसलि� नही� कि क्योंक� हम अपने जीवन स्तर मे� सुधा� करते हैं। सिर्� इसलि� नही� कि क्योंक� इसके बिना को� प्रगति और समृद्ध� नही� हो सकती� इसलि� भी क्योंक� वैज्ञानि� ढं� से सो�-विचा� का यह गहरा अहसा� होता है कि मनुष्य होने के क्या मायन� हैं। जब आइंसटी� से पूछा गय� कि उन्होंने क्या का� किया है तो उनका जवाब था- ‘‘क� से सीखो, आज मे� जि� और कल के बारे मे� आशावान रहो। अह� बा� यह है कि तर्कशीलत� � छोडें।’�

और, गणित का बहुत महत्� है� सिर्� इसलि� नही� कि क्योंक� गणित के बिना विज्ञा� नही� होता� सिर्� इसलि� नही� क्योंक� यह एकमात्� शाश्वत भाषा है� सिर्� इसलि� नही� क्योंक� सही गणित के बिना पु� और इस भव� सहित अन्य भव� समुचित रू� से टिके नही� रह पाएंगे� सिर्� इसलि� नही� क्योंक� गणित के बिना को� कवित� एव� संगी� नही� होंगे। सिर्� इसलि� नही� क्योंक� गणित भी कु� मानवी� तर� का विषय है और यह हमें उस ब्रह्मां� के गह� सत्यों का साक्षात्का� करवाता है, जिसमें हम रहते हैं। जैसाकि लातवियायी गणितज्� टोबिया� डान्टजिज ने कह� है- ‘‘गणि� सर्वोच्च न्यायाधी� होता है और उसके फैसलों पर को� अपी� नही� होती।’� इसलि�, यद� हम बेहत� दुनिया का निर्मा� करना चाहत� है� (और हम यह चाहत� है�) तो हम यह एक नई पीढ़ी को विज्ञा� और गणित की शिक्षा दि� बिना नही� कर पाएंगे�

एक अच्छी खब� है और एक बुरी खब� भी�

अच्छी खब� यह है कि ब्रिटे�, भारत और उन अनेक अन्य देशो� के प्रतिनिध� इस आयोज� मे� मौजू� है�, जहां विज्ञा� तथ� गणित मे� प्रतिभाशाली लोगो� की बहुताय� है� इन देशो� मे� विश्वस्तरी� पेशेवर लो� है�, जो विज्ञा� एव� गणित पढ़ाते है�, उनका प्रशास� संभालत� है� और अगली पीढ़ी को शिक्षि� करने के बारे मे� प्रतिबद्� हैं। इनमे� उन विषयों के उत्कृष्ट शिक्षा संस्था� है�, जिसक� प्रोफेसर सिंह के नेतृत्� मे� दिल्ली विश्वविद्याल� और सर की� � निओन्स के नेतृत्� मे� इम्पीरियल कॉले� लंदन दो शानदार उदाहरण हैं। मात्रात्मक दृष्टि से अधिक युवा विज्ञा� एव� गणित का अध्ययन कर रह� है� और उन कॅरियर क्षेत्रो� को अपना रह� है�, जो अती� मे� इतने अधिक महत्वपूर्ण नही� थे�

लेकि�, बुरी खब� यह है कि हम अभी भी 21वी� शताब्दी की चुनौतियो� का सामन� करने के लि� अपने आपको तैया� नही� कर पा� हैं। अनेक बच्चों और युवा लोगो� की किसी प्रकार की समुचित शिक्षा तक पहुं� नही� है, जिसमें विज्ञा� और गणित के विषय भी शामि� हैं। जहां ये विषय पढ़ा� जाते है�, वहां उन्हें समुचित तरीके से नही� पढ़ाया जाता� कई छात्� अपनी पढ़ा� के बी� विज्ञा� एव� गणित के विषय को छोड़ देते हैं। जो लो� इनकी पढ़ा� जारी रखते है, उनमे� से बहुत सारे छात्रो� की इन विषयों मे� दिलचस्पी है और उनसे प्रेरण� पाते है�, क्योंक� वे अपने स्कूलो�, अपने अभिभावको� या अपनी आत्म� से सामन� करते हैं। कई लड़कियां एक करिय� के रू� मे� विज्ञा� एव� गणित को स्कू� मे� पढ़न� छोड़ देती है�, जिसस� जहां हमें जरूर� है, वहां दुनिया की आधी प्रतिभाए� दू� हो जाती हैं। और, नतीजा यह होता है कि कई कंपनियों द्वारा इन विषयों का सही कौशल वाला स्टा� भर्ती करना असंभ� बन जाता है�

इसी कारण आज यहां लांच किया जा रह� यह आयोज� अत्यधि� महत्वपूर्ण है� अगले दो दि� उन सबसे बड़े सवालों के व्यावहारिक जवाबों की पहचा� करने का एक प्रमुख अवसर होगा, जिनक� हम निम्नलिखित क्षेत्रो� मे� सामन� कर रह� है�:

हम कि� प्रकार अपनी भावी जरूरतो� की पूर्ति के लि� गुणवत्तापर� और आवश्यक स्तर पर विज्ञा� एव� गणित की शिक्षा प्रदान करें?

हम कि� प्रकार सुनिश्चि� करें कि प्रत्येक व्यक्त�, खासक� लड़कियों और समाज के उन अन्य वर्गों को शिक्षा तक पहुं� प्रदान की जा�, जिनक� उससे वंचि� रहने का खतरा है?

हम कि� प्रकार युवा लोगो� को यह अहसा� करने के लि� प्रेरि� करें कि विज्ञा� एव� गणित एक कर्तव्� नही�, बल्क� आनंददायक विषय है�?

हम कि� प्रकार शिक्षकों को अपनी बेहतरी� क्षमता के उपयो� और अपने ज्ञा� को लगातार अद्यतन बनान� मे� उनकी मद� करें ताकि वे नवीनत� दृष्टिको� के सा� अध्याप� करते रहें� एक मशहू� कहानी है : आइंसटी� का एक छात्� भौति� शास्त्� की अंति� वर्ष की परीक्षा दे रह� था� उसने पूछा- ‘‘ड�. आइंसटी� क्या ये वही सवाल नही� है�, जो पिछल� सा� भौति� शास्त्� की परीक्षा मे� पूछे गए थे?’� इस पर आइंसटी� का जवाब था- हा�, ‘‘लेकिन इस सा� इनके जवाब भि हैं।’�

और, अंति� बा�, हम कि� प्रकार यह सब करें, जब विश्� के अधिकतर देशो� मे� बजटी� आवंट� की तंगी है� और उपलब्ध धनराशि के हिसा� से अनेक मसलो� को प्राथमिकता दिया जाना अत्यंत आवश्यक है�

उपरोक्� कु� सवाल अत्यधि� चुनौतीपूर्� हैं। यद� हम इनका अच्छ� जवाब पा लेते है� तो यह मं� उनके बारे मे� आग� बढ़न� मे� मददगार साबि� होगा� यह इस क्षेत्� मे� विश्� के जाने-माने कु� विशेषज्ञों की एक प्रमुख बैठक है� और, इन मसलो� पर विचा� कर हम अकेल� के बजाए मि� कर उन पर ध्या� दे सकते हैं। इस कक्ष मे� हम सभी अच्छ� हैं। लेकि�, हममे� से को� भी अकेल� उतना अच्छ� नही� है, जितन� कि हम सब मि� कर हैं।

इसलि�, इस सत्र का उद्घाट� करते हु� मुझे खुशी है� मै� जानत� हू� कि आपके विचा� विमर्श महत्वपूर्ण हैं। मुझे यकी� है कि ये विचा� विमर्श सार्थक होंग� और मै� इनके नतीजो� की प्रतीक्षा करूंगा� सर्वाधिक महत्वपूर्ण बा� यह है कि मै� और मेरी टी� आपके सा� मि� कर का� करते हु� आपकी सिफारिशो� को आग� बढ़ाना चाहत� हैं। ब्रिटे� सरका� की ओर से मै� आपकी कामयाबी की कामन� प्रेषि� करता हूं।

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प्रकाशित 9 जनवरी 2013