‘ऊर्जा और जलवायु भारत-ब्रिटे� संबंधो� के मुख्� स्तं� हैं�
नई दिल्ली मे� 10 अगस्� को ऊर्ज� आंकड़ों पर राष्ट्री� सम्मेल� के दौरा� भारत मे� ब्रिटि� उच्चायुक्त डॉमिनि� एस्क्विथ के अभिभाष� के लिखि� अंश।

आज इस सम्मेल� का आयोज� करने और वास्तविक रू� से विशिष्� ब्रिटे�-भारत ऊर्ज� तथ� जलवायु सहयो� के लि� भारत सरका� तथ� खासतौर पर नीति आयोग बधाई के पात्� हैं।
ब्रिटे�-भारत सहभागिता बेहद सुदृ� है� हमार� द्विपक्षी� संबंधो� मे� ऊर्ज� और जलवायु का हमेश� मुख्� स्था� रह� है� मै� इस सहभागिता को संवृद्धि हेतु एक समान और अधिक मजबू� सहभागिता तक विकसित करना चाहत� हूं।
ब्रिटे� तथ� भारत मानत� है� कि हमार� नागरिकों को सुरक्षित, स्थायी तथ� सस्ती ऊर्ज� उपलब्ध कराय� जाना हमार� दोनो� देशो� की मुख्� प्राथमिकता है, क्योंक� यह आयातित ऊर्ज� पर निर्भरता घटान� के लि� हमार� साझा लक्ष्य है�
मुझे खुशी है कि साझा ऊर्ज� सुरक्ष� तथ� धारणी� भविष्य सुनिश्चि� करने के लि�, ब्रिटे� तथ� भारत इन सभी मसलो� पर आप� मे� सहयो� कर रह� हैं। भारत के ऊर्ज� क्षेत्� मे� ब्रिटे� ने सबसे बड़� प्रत्यक्� विदेशी निवे� किया है- 7.2 बिलियन डॉलर का बीपी-आरईए� समझौता�
हम व्यावहारिक कार्रवाई करने मे� भी विश्वा� करते हैं। इसलि� ब्रिटे� भारत के सा� विभिन्� प्रकार के कई द्विपक्षी� कार्यक्रमो� के माध्यम से ऊर्ज� पर सहयो� कर रह� है� इन कार्यक्रमो� से ऊर्ज� सुरक्ष� तथ� उपलब्धता मे� वृद्धि, अनुसंधान सहयोगो� मे� गहनत�, भारत मे� निवे� प्रवाह मे� वृद्धि, निम्�-कार्बन उत्सर्जन को सहयो�, एव� द्विपक्षी� व्यापा� को बढ़ाव� मिलन� के सा� ही जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने मे� भी सहायता मिलेगी�
इसके उदाहरणों मे� शामि� है�:
- ब्रिटे� के कार्बन ट्रस्ट की ब्रिटि� विशेषज्ञता भारत को उसका अपना 500 मिलियन पौंड का ऊर्ज� संरक्ष� को� बनान� मे� सहायता कर रही है
- ब्रिटे� 300 मिलियन डॉलर के लंदन स्टॉ� एक्सचेंज एनटीपीसी ग्री� मसाल� बांड- संचालन हेतु अधिक अभिदान के प्रमाण� मे� सहाय� है
- ब्रिटे� ग्री� इनवेस्टमें� बैंक को विदेशो� मे� निवे� के लि� ब्रिटे� सरका� से 200 मिलियन पौंड की निधि प्राप्� हु� है और यह सक्रिय रू� से अवसरों की तलाश कर रह� है
- ब्रिटे� कर्नाट� सरका� को दे� के सबसे बड़� सोलर-पार्� (1,600 मेगावा�, 5 बिलियन पौंड का) के लि� एक व्यावहारिक व्यावसायिक मॉडल तैया� करने मे� सहयो� के लि� तकनीकी सहायता दे रह� है
- ब्रिटे� ने ऊर्ज� क्षेत्� सुधारो� मे� ब्रिटे� समर्थि� विशेषज्ञता के लि� 10 मिलियन पौंड की वित्ती� सहायता दी है- तथ� अन्य प्रक्रियाधी� है� (ऊर्ज� उपलब्धता पर 5 मिलियन पौंड)
प्रधानमंत्री मोदी के गत ब्रिटे� दौरे के दौरा� जब हमार� दोनो� प्रधानमंत्री मिले थे, तो उन्होंने इस ऊर्ज� सहभागिता को और मजबू� करने की प्रतिबद्धत� व्यक्त की थी, जिसक� तह� हमार� दोनो� देशो� के बी� नियमित रू� से ऊर्ज� सम्मेल� का आयोज� करना शामि� था� मुझे यह कहते हु� प्रसन्नत� हो रही है कि हमें इनमे� से पहले सम्मेल� के इसी शर� मे� आयोजित होने की आश� है� प्रधानमंत्रीद्वय ने हमार� सहयो� को और विस्तारि� करते हु� स्वच्छ ऊर्ज� पर 3.2 बिलियन पौंड के समझौते पर हस्ताक्ष� भी कि� थे�
भारत को इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारण (गै�-जीवाश्� ईंधन स्रोतो� से 2022 तक 175 गीगावा� ऊर्ज�) तथ� इसके लि� घरेल� कार्रवाई हेतु बधाई�
आईईएसए� (IESS) 2047 टू�:
यह भारती� ऊर्ज� सुरक्ष� परिदृश्य 2047 (आईईएसए�) गण� एक सुव्यवस्थि� ऊर्ज� योजन� विकसित करने के लि� महत्वपूर्ण टू� है, जिसस� विश्वसनी� और सुरक्षित ऊर्ज� आपूर्त� तथ� ऊर्ज� से अब तक वंचि� लाखो� लोगो� के लि� ऊर्ज� उपलब्धता जैसे लक्ष्यों के प्रत� अधिक से अधिक उपयुक्� नीतिया� तैया� करने मे� सहायता मिलेगी�
हमें अपनी ऊर्ज� मांग और आपूर्तियों को इस प्रकार नियोजि� करना चाहि� जो लंबे सम� तक के लि� टिका� हो� आईईएसए� एक उपकर� है जो एक धारणी� भविष्य के लि� नीतिया� निर्धारि� करने मे� केंद्री� भूमिका निभाता है� यह वर्तमा� की एक सबसे ज्वलंत समस्या- जलवायु परिवर्तन का समाधान करने मे� भी सहाय� सिद्� होगा�
भारती� ऊर्ज� सुरक्ष� परिदृश्य (आईईएसए�) 2047 पर नीति आयोग के सा� हमारी दीर्घावध� सहभागिता हमार� परस्पर सहयो� का एक बेहतरी� नमून� है, और इस पर हम सचमु� गर्व कर सकते हैं।
हमार� मानन� है कि पारदर्शी, खुले तथ� विश्वसनी� आंकड़� उपलब्ध होना सही नीतिया� बनान� के लि� जरूरी है� यह आईईएसए� उपकर� सूचनात्म� तथ� विश्वसनी� आंकड़ों की उपलब्धता का एक शानदार नमून� है�
हमार� सहयो� ती� वर्ष पहले से शुरू हु� है जब हम दोनो� अपनी दीर्घावध� ऊर्ज�-चुनौतियो� का समाधान करने के लि� नवाचारी समाधान ढूंढना चाहत� थे�
खुशी है कि भारत ने ब्रिटे� ऊर्ज� प्रारूपण उपकर�: 2050 गण� का चय� किया, उनका अपना अखिल भारती� ऊर्ज� गण�: आईईएसए� 2047 विकसित करने के लिए। यह 2050 गण� ब्रिटे� की नीतिया� तैया� करने मे� उपयोगी रह� है, खासतौर पर हमार� 2008 के ऐतिहासिक जलवायु परिवर्तन अधिनिय� के अनुसार उत्सर्जन प्रतिबद्धताओ� के पालन में।
लेकि� हमने 2047 और 2050 का चय� क्यो� किया? इतनी लंबी अवधि का लक्ष्य क्यो�? यह स्पष्ट है कि आज हम जो भी ऊर्ज� प्रौद्योगिकी लग� रह� है� उनके निहितार्� जीवनका� तक बन� रहेंगे� हमें ये निर्णय करने के लि� इसके बारे मे� आंकड़ों और प्रमाणों की आवश्यकता है� इसीलि� हमने इन्हें अपनाया है�
आईईएसए� 2047 खासतौर पर इन्ही� आवश्यकताओं, और ऊर्ज� उपलब्धता तथ� ऊर्ज� सुरक्ष� मे� वृद्धि के अनुसार डिजाइन किया गय� है� यह भविष्य की ऊर्ज� चयनात्मकता के नियोजन, जलवायु परिवर्तन का समाधान करने मे� सहायता, जो अबतक ऊर्ज� से वंचि� रह� है�- उन्हें तथ� सबों को सस्ती तथ� स्थायी ऊर्ज� प्रदान करने, और भारत के घरेल� ऊर्ज� उत्पाद� मे� वृद्धि लाने के लि� योजन� हेतु व्यावहारिक कार्रवाई का बेहतरी� उदाहरण है�
विशे� रू� से, इस� एक जन-भागीदारी मं� के रू� मे� परिकल्पि� किया गय� है� पहली बा� जनता को इस उपयो� मे� आसान, समेकित उपकर� के माध्यम से भारत की ऊर्ज� योजन� को देखन� और उसमे� योगदान देने का अवसर मिला है�
परिणामस्वरूप, यह एक बेहद शक्तिशाली उपकर� है जिसमें भावी ऊर्ज� योजन� हेतु निवेशकों द्वारा नीतिगत निर्णय लेने और नीतियो� का निर्मा� करने मे� वास्तविक जीवन के अनुभवो� से परिवर्तन लाने की क्षमता है� वे निर्णय जो खासतौर पर धनराशि का सही मूल्� देते है� और आर्थिक संवृद्धि को गत� प्रदान करते हैं।
भारत के ऊर्ज�-प्रारू� को व्यापक रू� से सराहना मिली है, क्योंक� यह उन 17 देशो� के प्रारूपो� मे� सबसे बेहत� और सबसे ज्यादा पारदर्शी है जिन्होंन� अभी अपने खु� के राष्ट्री� ऊर्ज� प्रारू� बनाए है�, जिनमें ची�, बेल्जियम तथ� दक्षिण अफ्रीका सम्मिलित हैं।
इस उपकर� पर हमार� सहयो� इसका एक मजबू� उदाहरण है कि कि� प्रकार हम दोनो� दे� एकजु� हो सकते है�, एक लक्ष्य बन� सकते है�, इस� विकसित कर सकते है� और दोनो� इससे लाभान्वि� हो सकते हैं।
नीति आयोग ने हमार� उपकर� के विका� के बारे मे� जानकारी प्रदान करने का का� किया और ब्रिटे� ने भारती� प्रारू� मे� प्रयुक्त बौद्धि� जटिलता से काफी कु� सीखा�
अगले चर�
मुझे यह कहते हु� बेहद गर्व हो रह� है कि ऊर्ज� प्रारूपण पर ब्रिटे�-भारत सहयो� अब अपने तृती� चर� मे� प्रवेश कर रह� है� वस्तुत� आज हम नीति आयोग के सा� हमारी नई सहभागिता पर हस्ताक्ष� करने जा रह� हैं।
इस अगले चर� मे� हम इस प्रारू� को सुसंगत रू� से तैया� करने के लि� सा� मिलक� का� करने के सा� ही, राष्ट्री� ऊर्ज� नियोजन प्रक्रियाओ� के बारे मे� जानकारी के लि� नीतिगत विषयों को साझा करेंगे�