‘अग्निदा� मे� बची महिलाओ� के लि� समग्� सहायता का प्रयास�
21 जनवरी 2017 को चन्न� मे� आयोजित तमिलनाडु राज्� नीति गोलमेज़ बैठक मे� ब्रिटि� उप उच्चायुक्त भर� जोशी के संभाषण की प्रतिलिपि।

सभी की तर� मै� अपने अभिभावको� का आभारी हूं। और यह कहना शायद न्यायपूर्ण है कि उनके द्वारा प्रदान की गई सबसे उत्त� भेंट यह है कि उन्होंने मुझे पुरु� रू� मे� जन्म दिया है� विश्� भर मे� निस्संदे� पुरुषो� की अपेक्ष� महिलाओ� से बदतर तरीके से व्यवहा� किया जाता है, कार्यस्थलो� पर भी महिलाए� पुरुषो� की अपेक्ष� धीमी गत� से उन्नति करती है� और उन्हें अपेक्षाकृत कम वेतन दिया जाता है� और अनुचित बा� यह है कि काफी संख्या मे� उन्हें उत्पीड़न का शिका� होना पड़ता है� और अधिकां� रू� से महिलाए� जलान� के हमले समेत घरेल� और यौ� हिंस� का शिका� होती हैं।
ब्रिटि� उच्चायोग की महिलाओ� के खिला� हिंस� को रोकन� और निपटने के कार्यो� का समर्थन करने की लंबी और बढ़ती प्रथ� रही है� इसलि� हमार� अधिक कार्� यौ� हिंस� और अब जलने की घटनाओं मे� पीड़ितो� की सहायता करने वाली प्रणाली को सुधारन� की ओर लक्षित है�, और सा� ही हम महिलाओ� मे� नेतृत्� और उद्यमिता के कौशल का निर्मा� करने वाले कार्यक्र� जैसे शी-लीड्� को सहायता प्रदान करते हैं।
योजन� कार्यांवित करने वाले कार्यक्र� पीसीवीसी के सा� हम महिलाओ� के खिला� हिंस� के सबसे कम कार्� कि� गए और सबसे अधिक उपेक्षित क्षेत्� पर रोशनी डालन� चाहत� हैं। हम सा� ही महिलाओ� के प्रत� जलान� की हिंस� मे� पीड़ितो� की सहायता करने वाले तमिलनाडु के सार्वजनि�-नागरिक समाज-निजी साझेदारी से सीखे जाने वाले पा� को अन्य राज्यो� के समक्� आदर्� बनाक� प्रस्तुत करना चाहत� थे और सा� तमिलनाडु मे� बातची� का दौ� शुरू करना चाहत� थे� हम यह साझा करना चाहत� है� कि मानसिक-सामाजि� सहायता के जरिए महिलाओ� को यह सुनिश्चि� किया जाता सकता है कि वे केवल पीड़िता नही� बल्क� एक उससे आग� बढ़कर एक कामयाब व्यक्त� बन सकती हैं। हम कोयम्बतू� के गंगा अस्पता� का उदाहरण बतान� चाहत� है� जिन्होंन� यह जाना कि जलने की हिंस� के शिका� अधिकां� पीड़ि� अस्पता� के महंग� इलाज और इलाज के बा� के महंग� देखभाल का खर्च� नही� उठ� पाते है�, उनके लि� वे नागरिक समाज के सा� मिलक� कम लागत या मुफ्� मे� सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। भारत के सा� त्वच� बैंक मे� एक गंगा मे� स्थि� है और वे किलपौक मेडिकल कॉले� और अस्पता� (केएमसी) के सा� मिलक� त्वच� बैंक के नेटवर्� और बुनियादी ढांच� को सुधारन� की प्रयासों मे� जुटे हैं। हम किलपौक जैसे नवी� कद� के विषय मे� जानकारी देना चाहत� है� जो खु� ही जलने की घटनाओं मे� देखभाल मे� अगुआ है और मरीजो� के सा� मिलक� उनके सा� हु� हादस� का रिकॉर्� रखते है� ताकि मरीजो� को मनोवैज्ञानिक स्तर पर उनका इलाज हो सके।
तमिलनाडु राज्� कानू� सेवा प्राधिकर� के जरिए तमिलनाडू मे� कई वकी� सरकारी अस्पतालो� मे� मुफ्� कानूनी सलाह दे रह� है� ताकि महिलाए� अपने अधिकारों के प्रत� जागरूक हो सकें और सा� ही ‘अपराध� की बजाय ‘दुर्घटना� के रू� मे� घटना को रिपोर्� करने की परिणाम को जा� सकें और सा� ही मरने के पूर्� बयानों, सुरक्ष� के आदेशों, आवासी� आदेशों और किसी भी बच्च� के संरक्ष� के आदेशों को जा� सकें�
यह योजन� चा� लक्षित राज्� तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और दिल्ली से घटनाओं मे� जीवितो� का एक नेटवर्� स्थापि� करने मे� मद� करेगी, जिसस� ये राज्� एक दूसर� की सहायता कर सार्वजनि�-निजी सहायता सेवाओं का नेटवर्� स्थापि� करने मे� सहायता करेंगे� और सा� ही भारत मे� भर होने वाली चर्चाओ� की जानकारी जलने की घटनाओं मे� सहायता प्रदान करने वाले चिकित्सकों के लि� बनी पीसीवीसी के हैंडबु� मे� दी जाएगी, जिसे तमिल और भाषाओं मे� अनुवाद किया जाएग� और आन� वाले सालो� मे� व्यापक रू� से चिकित्सकों तक इस� दिशानिर्देशो� को पहुंचाया जाएगा।
पीसीवीसी राष्ट्री� सूचन� विज्ञा� केंद्र के सा� जलने की घटनाओं के रिकॉर्� सुधारन� के रास्तो� को खोजन� के सिलसिल� मे� अल� से चर्च� कर रह� है जिसमें एक व्यापक और सटी� राष्ट्री� बर्न्स रेजिस्ट्री भी शामि� कर सके।
मुझे खुशी है कि पीसीवीसी आज नैशन� प्रोग्रा� फॉ� प्रेवेंश� ऑफ बर्न इंजुरी� (एनपीपीबीआइ) के प्रतिनिधियों के सा� संपर्क मे� है� मुझे यह ज्ञा� है कि भारत सरका� की दे� भर मे� जलने की घटनाओं मे� देखभाल से संबंधि� बुनियादी ढांच� को सुधारन� की महत्वकांक्षी योजनाए� है� और तमिलनाडु के विभिन्� अस्पतालो� को पं� वर्षी� योजन� के तह� बर्न युनि� के लि� सहमत� प्राप्� हो चुकी है� यह एक अच्छ� समाचार है� मुझे उम्मी� है कि यह योजन� एमपीपीबीआइ की राष्ट्री� सो� और महत्वकांक्षा को नय� ज्ञा�, शो� और अंतर्दृष्ट� का सहार� देगा�
निस्संदे� दीर्घकालिक समाधानों के लि� आवश्यकता ऐस� सांस्कृतिक बदला� की है जो लैंगिक समानता और समाज मे� सम्मान को स्थापि� करता है� लेकि� जिन्हे� यह सब कठिन और नामुमकिन लगता है उनके लि� हमार� पा� एक छोटा सा वीडियो क्लि� है जिसमें ब्रिटे� का समर्थन प्राप्� बांग्लादेश के जलने की घटनाओं के पीड़ितो� और खासतौर से एसिड घटना मे� बच� पीड़ितो� की सहायता करने का अनुभ� प्रदर्शि� किया गय� है� जैसा कि आप सब देखेंग� बांग्लादेश के एसिड सर्वाइवर्स फाउंडेशन ने कि� तर� उत्कृष्ट जागरूकता और वकाल� का कार्� किया है� यह साबि� करता है कि स्थानी� स्तर, मू� स्तर के चिकिसक, सार्वजनि� और निजी, स्वास्थ्यसेव� और गै�-स्वास्थ्यसेव�, नागरिक समाज और व्यापक संगठ� सा� मिलक� घटनाओं मे� जीवि� बची महिलाओ� के ला� के लि� प्रभावी प्रणालियों और प्रक्रियाओ� को विकसित कर सकते हैं। यह केवल संभव ही नही� बल्क� आवश्यक भी है�
मै� हमारी उपस्थिति के एक डरावने कारण को या� करते हु� अपने संभाषण को खत्म करूंगा� अगस्� 2016 मे� मीडीया ने खब� बताई कि विल्लुपुरम जिले मे� एक 17 वर्षी� लड़की-जो मेरी बड़ी बेटी की उम्र की है-को उसका पी� करते एक आदमी ने इसलि� जल� दिया क्योंक� उसने उसके कुत्सि� प्रयासों को स्पष्ट रू� से लगातार नकार दिया था� वह इतनी गंभी� रू� से जल चुकी थी कि अस्पता� मे� लाने के तुरं� बा� ही उसने दम तो� दिया�
आप सभी का आभार और आज के लाभकारी चर्च� के लि� मेरी शुभकामनाएं�